Never give up. Today is hard, tomorrow will be worse, but the day after tomorrow will be sunshine.
-Jack Ma (Alibaba)
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ‘अलीबाब.कॉम’ के मालिक ‘Jack Ma‘ का नाम तो आपने सुना ही होगा। Jack Ma आज जिस मुकाम पर हैं हर किसी की सपना कुछ ऐसा ही मुकाम हासिल करने का होता है। लेकिन क्या Jack Ma का ये सफर इतना आसान और सीधा था? नहीं, बिल्कुल भी नहीं। आज हम आपको बताते है Jack Ma के फर्श से अर्श तक पहुंचने का दास्तान…
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार Jack Ma चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के CEO हैं। उनकी संपत्ति करीब 25 खरब रुपए है।
टूरिस्ट गाइड बन अंग्रेजी सीखने का प्रयास
Jack Ma दुनिया के उन कुछ गिने चुने लीडर्स में से एक हैं जिनकी जिंदगी की कहानी हर किसी को इंस्पायर करती है। Jack Ma का जन्म चीन के वांगज़ो प्रांत में हुआ था। जन्म एक निम्न मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। Jack Ma की एक आदत थी, नई चीजों को सीखने की, नए स्किल्स सीखने की। ये आदत उनमें बचपन से थी।
अंग्रेजी सीखने का शौक हुआ तो फॉरेन से आने वाले टूरिस्टों के लिए गाइड का काम करने लगे। उनसे अंग्रेजी के लक्षण सीख गए। अब बारी थी पारंपरिक तौर से अंग्रेजी सीखने की। चीन के ही नॉर्मल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया और वहीं से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन कम्पलीट कर लिया। बाद में उन्होंने श्योंग कोंग ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ बिजनेस, बीजिंग से भी डिग्री ली।
शुरूआती दौर में अंग्रेजी सिखाने का काम किया
शुरूआती दौर में अंग्रेजी सिखाने का काम किया। मतलब स्कूल में मास्टर साहब बन गए। लेकिन बचपन की आदत कहां जाती, नित नई चीजें सीखते रहने की।
दुनिया कंप्यूटर के युग में अभी प्रवेश कर रही थी। कंप्यूटर अभी भी आम आदमी की पहुंच से काफी दूर था। तभी 1995 में Jack Ma ने एक ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। इस वक्त इस तरह के बिजनेस का सीधा मतलब था रिस्क। खास कर तब जब आपकी फैमिली की फाइनेंसियल कंडीशन बहुत अच्छी नहीं हो। लेकिन Jack Ma ने ये रिस्क लिया। ‘चाइना पेजेज’ नाम की वेबसाइट शुरू हुई। शायद चीन का पहला रजिस्टर्ड वेब बिजनेस सेट अप था।
लेकिन बिजनेस बहुत अच्छा नहीं कर पा रहा था तो Jack Ma ने पूरे प्रोसेस को समझने के लिए कुछ वक्त तक कॉमर्स मिनिस्ट्री जॉइन कर लिया।
कंपनी ने शुरूआती कुछ वक्त मुनाफों से भी समझौता किया
1999 में जैक वापस वांगज़ो लौटे और अलीबाबा.कॉम की शुरुआत की। लेकिन तब ये आम लोगों के इस्तेमाल के लिए नहीं था, उस वक्त ये बिजनेस करने वाले लोगों के लिए बाजार से जुड़ने का एक प्लेटफॉर्म था। अलीबाबा ने चीन के एक्सपोर्टर्स के लिए दुनिया के दूसरे खरीददारों से संपर्क बनाने में साथ दिया। बिजनेस ठीक चल रहा था। इसके बाद बारी थी बिजनेस को आगे बढाने की।
तब जैक ने सॉफ्ट बैंक और गोल्डमैन सैक्स से संपर्क किया।
ये वो संस्था हैं जो दुनियाभर में नए बिजनेस आइडिया को फंड मुहैय्या करवाती है। उन्होंने जैक का प्रपोजल मान लिया और इन्हें फंड मिल गया। अलीबाबा का वक़्त था आम कस्टमर्स के लिए तैयार होने का और Jack Ma ने अलीबाबा को अब कस्टमर टू कस्टमर प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार कर लिया। अलीबाबा हिट हो गई। कंपनी ने शुरूआती कुछ वक्त मुनाफों से भी समझौता किया और सर्विस को लगातार बेहतर करने में लगा रहा।
एक पूरी पीढ़ी के लिए Jack Ma एक Inspiration बन चुके हैं
साल था 2003, जब कंप्यूटर ने घर-घर तक अपने पहुंच की तैयारी कर ली थी। बिजनेस बढ़ता चला गया और Jack Ma लगातार नए प्रयोगों के साथ आगे बढ़ते गए। आज की तारीख में अलीबाब की करीब 9 अलग-अलग कंपनियां चलती हैं जिनमें अलीपे और अलीबाबा क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे बड़े ब्रांड हैं। यहां तक कि इंडिया में पेटीएम को मजबूत करने में भी अलीबाबा का ही हाथ है। आज पेटीएम कितनी बड़ी चीज है ये हम और आप सभी समझते हैं। एक पूरी पीढ़ी के लिए Jack Ma एक इंस्पिरेशन बन चुके हैं।
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Thank for your feedback
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