Friday, June 2, 2023

सफलता की कहानी

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गोदान – पुस्तक-समीक्षा

लेखक  - मुंशी प्रेमचंद  मुंशी प्रेमचंद का मूल नाम धनपतराय था। उनका जनम ३१ जुलाई, १८८0  में बनारस के लमही गाँव में हुआ। उनकी साहित्य-रचना में कुल ३२० कहानियाँ और...

गोदान(Godan) – भाग 6

जेठ की उदास और गर्म सन्ध्या सेमरी की सड़कों और गलियों में पानी के छिड़काव से शीतल और प्रसन्न हो रही थी। मंडप के...

गोदान(Godan) – भाग 5

उधर गोबर खाना खाकर अहिराने में पहुँचा। आज झुनिया से उसकी बहुत-सी बातें हुई थीं। जब वह गाय लेकर चला था, तो झुनिया आधे...

गोदान(Godan) – भाग 4

होरी को रात भर नींद नहीं आयी। नीम के पेड़-तले अपनी बाँस की खाट पर पड़ा बार-बार तारों की ओर देखता था। गाय के...

गोदान(Godan) – भाग 3

होरी अपने गाँव के समीप पहुँचा, तो देखा, अभी तक गोबर खेत में ऊख गोड़ रहा है और दोनों लड़कियाँ भी उसके साथ काम...

पिता से लिया 25000 का लोन और अब करोड़ो की कंपनी...

किस्मत कब पलटी मार दे यह कोई नहीं कह सकता। बर्शते हमें चाहिए कि फल की चिंता किये बगैर अपना काम जारी रखें। आज...

अपने सिद्धांतों व विचारों से पूरे विश्व को जिंदगी का सार...

राम कृष्ण परमहंस को स्वामी विवेकानंद के गुरु के रूप में भी जाना जाता है। भारत के महान संतों में से एक रामकृष्ण परमहंस...