Sunday, December 10, 2023
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मोस्ट व्यूड

गोदान – पुस्तक-समीक्षा

लेखक  - मुंशी प्रेमचंद  मुंशी प्रेमचंद का मूल नाम धनपतराय था। उनका जनम ३१ जुलाई, १८८0  में बनारस के लमही गाँव में हुआ। उनकी साहित्य-रचना में कुल ३२० कहानियाँ और...

गोदान(Godan) – भाग 6

जेठ की उदास और गर्म सन्ध्या सेमरी की सड़कों और गलियों में पानी के छिड़काव से शीतल और प्रसन्न हो रही थी। मंडप के...

गोदान(Godan) – भाग 5

उधर गोबर खाना खाकर अहिराने में पहुँचा। आज झुनिया से उसकी बहुत-सी बातें हुई थीं। जब वह गाय लेकर चला था, तो झुनिया आधे...

गोदान(Godan) – भाग 4

होरी को रात भर नींद नहीं आयी। नीम के पेड़-तले अपनी बाँस की खाट पर पड़ा बार-बार तारों की ओर देखता था। गाय के...

गोदान(Godan) – भाग 3

होरी अपने गाँव के समीप पहुँचा, तो देखा, अभी तक गोबर खेत में ऊख गोड़ रहा है और दोनों लड़कियाँ भी उसके साथ काम...

“बड़ा आदमी वह है जो अपने पास बैठे इंसान को छोटा...

“इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं, हम वो सब कर सकते है जो हम सोच सकते है, और हम वो सब सोच सकते...

रेलवे में गैंगमैन से IPS अफ़सर तक का सफ़र

कहते हैं कठिन मेहनत और कभी न हार मानने वाले जज़्बे से इस दुनिया की कोई भी मंज़िल फ़तह की जा सकती है। मंज़िल...

गोदान(Godan) – भाग 1

होरीराम ने दोनों बैलों को सानी-पानी देकर अपनी स्त्री धनिया से कहा -- गोबर को ऊख गोड़ने भेज देना। मैं न जाने कब लौटूँ।...