“Start small, nail it, and then make it big.”
– Ritesh Agarwal
कहते हैं कि मन में विश्वास और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मंजिल को पा सकता है। ये साबित कर दिया है , Ritesh Agarwal ने , जिन्होंने सिर्फ़ 23 साल की उम्र में ही लगभग 400 करोड़ की कंपनी बनाकर न केवल अनुभवी बिजनेसमैन और निवेशकों को हैरान कर दिया बल्कि और लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है।
जितने साल आम लोगों को बिजनेस को समझने में लगते हैं उतने से भी कम उम्र में ही उड़ीसा के रहने वाले Ritesh Agarwal ने OYO ROOMS की कंपनी की शुरुआत कर उम्मीदों की उड़ान भरी है, बिजनेस की बारीकियों को समझना Ritesh ने कम उम्र से ही शुरू कर दिया था।
Ritesh बचपन से ही व्यापारिक परिवार से ताल्लुक रखते थे इसलिए उनका बिजनेस की तरफ हमेशा से ही रुझान था। उनका जन्म उड़ीसा के बीसाम के एक मारवाड़ी व्यवसायिक परिवार में 16 नवंबर 1993 को हुआ था।
Ritesh अग्रवाल ने अपनी 12वीं तक पढ़ाई उड़ीसा से की उसके बाद उन्होनें इंजीनियरिंग करने का फैसला लिया और वे कोटा आ गए जहां वे अपनी पढ़ाई के बाद खाली समय में घूमना पसंद करते थें।
धीरे धीरे Ritesh की रूची ट्रैवलिंग में बढ़ने लगी। इस दौरान उन्हें ठहरने को लेकर बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ा था, बचपन से ही बिजनेस मांइडेड होने की वजह से उन्होनें इन अनुभवों को बिजनेस का रूप देने की ठानी शायद इसलिए Ritesh ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी।
और Ritesh ने ORAVEL STAYS PVT. LTD. कंपनी की शुरूआत की जो कि यात्रा से संबधित समस्याओं को हल करने में लोगों की सहायता करती थी लेकिन Riteshकी इस कंपनी ने उनका ज्यादा दिन तक साथ नहीं दिया और वो फ्लॉप हो गई।
लेकिन फिर भी Ritesh ने हिम्मत नहीं हारी बल्कि इस नाकामयाबी से कामयाब बनने का रास्ता निकाला और OYO ROOMS कंपनी की शुरुआत की, जिसके बदौलत वो देश के बड़े बिजनेसमैन की लिस्ट में शामिल हो गए।
सफर ORAVEL STAYS PVT. LTD. से OYO ROOMS तक

साल 2012 में जब Ritesh ने अपने पहले स्टार्ट-अप Oravel Stays की नींव रखी। Ritesh की बिजनेस कंपनी उनकी प्लानिंग के हिसाब से चल रही थी जिनकी कंपनी का मुख्य लक्ष्य, यात्रियों को सस्ते दामों पर अच्छे कमरों को उपलब्ध करवाना था।
जिसे आसानी से ऑनलाइन बुक किया जा सकता था, सबसे अच्छी बात यह थी कि, उन्हें नए स्टार्टपस में निवेश करने वाली कंपनी Venture Nursery से 30 लाख का फंड मिल गया।
जिसके बाद Ritesh ने अपने इस बिजनेस आइडिया को वैश्विक प्रतियोगिता थैल फैलोशिप के सामने रखा। जिसके बाद उन्हें 66 लाख रुपए की सहायता मिली। बिजनेस Ritesh के मुताबिक ही चल रहा था अपने स्टार्टअप को लेकर काफी सीरियस थे, और बिजनेस में और अच्छी पकड़ बनाने के लिए Ritesh ने बहुत ही कम समय में उनके नये स्टार्टप को मिली इन सफलताओं से वे काफी उत्साहित हुए और वे अपने स्टार्ट-अप पर और बारीकी व सावधानी से काम करने लगे।
लेकिन Ritesh का ये बिजनेस मॉडल से उतना लाभ नहीं मिल पा रहा था और Ritesh का पहला स्टार्ट अप में लगातार नुकसान होता चला गया , Ritesh जैसा सोच रहे थे, जैसे बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते वैसी ही उनकी कंपनी की स्थिति दिन पर दिन और भी ज्यादा बेकार होती जा रही थी।
अन्तत: Ritesh को इस कंपनी को मजबूरी में बंद करना पड़ा, लेकिन उन्होनें कंपनी के बंद होने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी बल्कि इससे प्रेरणा लेकर उन्होंने खुद के विचारों पर फिर से गौर किया और बिजनेस को फिर से आगे बढ़ाने का फैसला लिया।
और यात्रियों को कम बजट में अच्छे कमरों को उपलब्ध करवाने को लेकर फिर से विचार किया इसके साथ ही Oravel Stays में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रख कई बड़े बदलाव किए, इसके बाद साल 2013 में ओरावल लॉन्च किया लेकिन इस नाम बदलकर Oyo Rooms रख दिया Oyo Rooms जिसका मतलब है “आपके अपने कमरे”।
जिसका उद्देश्य यात्रियों को कम दामों पर बेहतरीन सुविधा उपलब्ध करवाना है। उनके इस कदम ने उनको सफल बनाने में सहायता की और कंपनी के शुरू होने के महज कुछ समय बाद ही उन्हें नए स्टार्टअप में निवेश करने वाली कंपनी Venture Nursery से 30 लाख का फंड भी मिला, जिसके बाद से कंपनी लगातार अच्छा प्रोफिट कमा रही है।
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